Pm Kusum Yojana Solar Plant: प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा योजना का उठाये लाभ, जाने सभी जानकारी: Pradhan Mantri Kusum Yojana (PM-KUSUM) कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 2019 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य किसानों को सिंचाई उद्देश्यों के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने और अपने स्वयं के उपभोग के लिए बिजली उत्पन्न करने के लिए वित्तीय और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करना है।
पीएम-कुसुम योजना (PM-KUSUM scheme) के तहत, किसान अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सौर पंप, सौर-संचालित ग्रिड से जुड़े पंप और अन्य अक्षय ऊर्जा-आधारित प्रणालियां स्थापित कर सकते हैं। सरकार सौर पंपों की स्थापना के लिए 30% सब्सिडी प्रदान करती है, और लागत का 50% बैंक ऋण के माध्यम से वित्तपोषित किया जाता है। शेष 20% किसानों द्वारा स्वयं वहन किया जाता है।
PM-KUSUM scheme में बंजर या परती भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए एक घटक भी शामिल है। किसान सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने और किराये की आय अर्जित करने के लिए सरकार या अन्य निवेशकों को अपनी जमीन पट्टे पर दे सकते हैं।
PM-KUSUM scheme का लक्ष्य 2025 तक 25.75 GW सौर क्षमता स्थापित करना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में 1.2 लाख नौकरियां पैदा होंगी। इस योजना से सिंचाई के लिए डीजल के उपयोग को कम करने और कृषि के कार्बन पदचिह्न को कम करने की उम्मीद है, जिससे सतत विकास को बढ़ावा देने के सरकार के लक्ष्य में योगदान होगा।
क्या है पीएम कुसुम योजना? (What is Pm Kusum Yojana)
प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha) और उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) भारत में किसानों के बीच अक्षय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 2019 में शुरू की गई केंद्र सरकार की एक योजना है। इस योजना के तीन घटक हैं:
- Component A: ए: ग्रिड से जुड़े अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना: इस घटक के तहत, किसान बिजली उत्पन्न करने और इसे ग्रिड को बेचने के लिए अपनी बंजर या परती भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं। इस योजना में 500 KW to 2 MW. क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना का प्रावधान है।
- Component B: स्टैंडअलोन सौर पंपों की स्थापना: इस घटक के तहत, किसान अपनी भूमि की सिंचाई के लिए 7.5 horsepower (HP) तक की क्षमता के स्टैंडअलोन सौर पंप स्थापित कर सकते हैं। इस योजना में 17.5 lakh solar pumps की स्थापना का प्रावधान है।
- Component C: ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सौरीकरण: इस घटक के तहत, किसान अपने ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा संचालित पंपों से बदल सकते हैं। इस योजना में 10 lakh grid-connected agricultural pumps सौर ऊर्जाीकरण का प्रावधान है।
PM-KUSUM scheme का उद्देश्य किसानों के बिजली बिलों को कम करके, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देकर और सिंचाई में सुधार करके उनकी आय में वृद्धि करना है। इस योजना का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना भी है। यह योजना Ministry of New and Renewable Energy (MNRE) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
Read: Pm Awas Yojana New List 2023-24: प्रधान मंत्री आवास योजना न्यू लिस्ट 2023, देखें अपना नाम
कुसुम सौर योजना क्या है? (What is Kusum Solar Yojana)
“KUSUM Solar Yojana” 2019 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना का दूसरा नाम है। इस योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा संयंत्रों, स्टैंडअलोन सौर पंपों की स्थापना और ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों के सौरकरण के लिए किसानों को वित्तीय और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करना है। इस योजना के तीन घटक हैं, अर्थात्:
- Component A: किसानों के स्वामित्व वाली बंजर/परती भूमि पर ग्रिड से जुड़े अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना।
- Component B: किसानों द्वारा सिंचाई उद्देश्यों के लिए स्टैंडअलोन सौर पंपों की स्थापना।
- Component C: ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सौरीकरण।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देना, डीजल जैसे ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर किसानों की निर्भरता को कम करना और किसानों के बिजली बिलों को कम करके उनकी आय में वृद्धि करना है। PM-KUSUM scheme को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा लागू किया जा रहा है और 100 GW सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के सरकार के लक्ष्य में योगदान देने की उम्मीद है।
पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप के लिए कौन कर सकता है आवेदन? (Who can apply for solar pump under pm Kusum yojana?)
किसान प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के तहत स्टैंडअलोन सौर पंपों के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और डीजल जैसे ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर किसानों की निर्भरता को कम करना है।
जिन किसानों के पास खेती योग्य भूमि है और उनके पास एक कार्यात्मक कृषि पंप है, वे योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। इस योजना में सिंचाई प्रयोजनों के लिए 7.5 हॉर्स पावर (एचपी) तक की क्षमता के स्टैंडअलोन सौर पंपों की स्थापना का प्रावधान है।
यह योजना सौर पंपों की स्थापना के लिए किसानों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। किसानों को बेंचमार्क लागत या निविदा लागत का 30%, जो भी कम हो, की सब्सिडी प्रदान की जाती है। शेष लागत को बैंक ऋण के माध्यम से वित्तपोषित किया जाता है, और किसान को सौर पंप प्रणाली की कुल लागत का 10% योगदान देना होता है।
यह योजना नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा लागू की गई है, और इच्छुक किसान एमएनआरई की नामित एजेंसी या राज्य नोडल एजेंसी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनके बिजली बिलों को कम करके, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि करके लाभान्वित करना है।
- Aakhri Sach: The True Story of a Family Tragedy That Will Shock You
- Hero Splendor Electric Bike: Price Starts at Just Rs. 80,000!
- Women’s Reservation Bill: The Importance of Women’s Representation in Politics
पीएम कुसुम श्सेम क्या है? (What is the Pm Kusum scheme?)
इस योजना का सही नाम Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha और उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना है, जो भारत में किसानों के बीच अक्षय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 2019 में शुरू की गई केंद्र सरकार की योजना है। इस योजना के तीन घटक हैं:
- Component A: ग्रिड से जुड़े अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना: इस घटक के तहत, किसान बिजली उत्पन्न करने और इसे ग्रिड को बेचने के लिए अपनी बंजर या परती भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं। इस योजना में500 KW to 2 MW क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना का प्रावधान है।
- Component B: स्टैंडअलोन सौर पंपों की स्थापना: इस घटक के तहत, किसान अपनी भूमि की सिंचाई के लिए 7.5 अश्वशक्ति (एचपी) तक की क्षमता के स्टैंडअलोन सौर पंप स्थापित कर सकते हैं। इस योजना में 17.5 लाख सौर पंपों की स्थापना का प्रावधान है।
- Component C: ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सौरीकरण: इस घटक के तहत, किसान अपने ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा संचालित पंपों से बदल सकते हैं। इस योजना में 10 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों के सौर ऊर्जाीकरण का प्रावधान है।
पीएम-कुसुम योजना का उद्देश्य किसानों के बिजली बिलों को कम करके, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देकर और सिंचाई में सुधार करके उनकी आय में वृद्धि करना है। इस योजना का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना भी है। यह योजना नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।