Chandrayaan-3 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन का अंतरिक्ष यान चंद्रमा की दूरी का लगभग दो-तिहाई हिस्सा तय कर चुका है। अंतरिक्ष यान वर्तमान में चंद्रमा से लगभग 250,000 किलोमीटर की दूरी पर है और अगस्त 5 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के लिए तैयार है।
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के सभी उपकरण और प्रणालियां काम कर रहे हैं और वे मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मिशन का लैंडर और रोवर चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
चंद्रयान-3 मिशन भारत का चंद्रमा पर तीसरा और सबसे महत्वाकांक्षी मिशन है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर एक लैंडर और रोवर उतारना है। लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद, रोवर चंद्रमा की सतह का पता लगाएगा और मिट्टी और चट्टानों के नमूने एकत्र करेगा।
इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और मिशन अगस्त 5 को सफलतापूर्वक लॉन्च होने की उम्मीद है।
चंद्रयान-3 मिशन के बारे में कुछ और जानकारी:
- चंद्रयान-3 मिशन का लॉन्च पैड श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र है।
- चंद्रयान-3 मिशन का रॉकेट PSLV-C51 है।
- चंद्रयान-3 मिशन का अंतरिक्ष यान लगभग 3.8 टन का है।
- चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर लगभग 1.3 टन का है।
- चंद्रयान-3 मिशन का रोवर लगभग 27 किलोग्राम का है।
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी और यह भारत को अंतरिक्ष में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।